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चाय या कॉफी


☕☕चाय या  कॉफी ☕☕

भाग--1

भारत की राजधानी दिल्ली...!जब भी दिल्ली का हम नाम लेते हैं तो क्या खयाल आता है..भागती हुई मेट्रोज,भागतीं बसें ..भागते लोग।

लगता है कि कभी नहीं थमने वाले स्वप्न लेकर लोग दिल्ली आते हैं।
दिल्ली में यहां के मूल हैं ही कितने..मुश्किल से मुट्ठी भर के..बाकी तो सारे छोटे बड़े राज्यों से लोग आते हैं अपने सपने ..मतलब आजीविका को तलाशते..तलाशते।

तभी तो यहां के खेत खलिहान उजड़ते आज मल्टीस्टोरिड  कंक्रीटों के जंगल में बदल गए हैं,कुछ चमचमाते हाइवेज में तो कुछ चिकनी पानी की तरह फिसलने वाली सड़कों में।

इसीलिए..यहां आजीविका खोजते अपने स्टेटस को मेंटेन करते लोग मोरल ..हाँ अपने अंदर के मोरल को कहाँ धकेल देते हैं यह उन्हें पता भी नहीं चलता..!

दिलवालों की दिल्ली सचमुच दिलवालों की है या एकदम पथरीली..।
इतनी गाड़ियां हैं यहाँ कि यहां के हवाओं में भी जहर घुल गया है।

महानगर दिल्ली की जिंदगी को जीने आई  अलग अलग शहरों से आई कुछ लड़कियों की एक छोटी सी कहानी--

चाय या कॉफी...!

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ट्रैक्स अपार्टमेंट

फ्लैट नंबर222

एक नया नवेला रेडी टू मूव फ्लैट  ट्रैक्स अपार्टमेंट में एक थ्री बीएचके फ्लैट  था,जिसे एक गारमेंट एक्सपोर्ट कंपनी की एक सीनियर मर्चेन्टाइजर  ने अभी हाल में खरीदा था- 60 लाख में।
जिसमें  उसने एक छोटी सी गेट टू गेदर टाइप पार्टी रखी  थी,सिर्फ अपने दोस्तों के साथ।

फ्लैट की मालकिन आरती चढ्ढा एक कपड़ों के एक्सपोर्ट हाउस में काफी ओहदार पद पर काम करती थी।

एक्सपोर्ट वेयर हाउस दिल्ली एनसीआर का एक बहुत ही कॉमन जॉब प्रोफाइल है।यहां बीस में से पाँच तो  मिल ही जाते हैं इस जौब प्रोफाइल के।

...
फ्लैट नंबर 222 में एक आलीशान ड्राइंग रूम में एक महिला लगातार अपने लैपटॉप पर जूझी हुई थी।उसकी अंगुलियां लगातार लैपटॉप के कीबोर्ड पर फिसलते जा रहे थे....!

यह थी..आरती चड्ढा। सुमंगलम फैशन वेयर हाउस की सीनियर एम एम यानी सीनियर मर्चेन्टाइजर  मैनेजर ।

आरती चढ्ढा लगभग दस सालों से इस प्रोफेशन में थी।अपनी हुनर और साख के बल पर आज यहां आ पहुंची थी !

उसी लंबे से सोफे के दूसरी ओर एक दूसरी पसरी हुई थी।अपने पैर सोफे पर लंबे किए कुशन को सिर के नीचे रखे अपने मोबाइल पर मगन..!
हाँ..हाँ..जरा ठहरिए..वह कोई फिल्म या मजे नहीं कर रही थी बल्कि ऑनलाइन  इंटरनेशनल फैशन साइट्स से नए नए फैशनेबल आउटफिट्स तलाश रही थी..!
ये मोहतरमा थीं- -अनामिका.. सुमंगलम फैशनवेयरहाउस की सीनियर फैशनडिजाइनर।

निफ्ट से फैशन डिजाइनिंग का लंबा कोर्स कर यहाँ अपना हुनर बिखर रही थी।

तीसरी महिला वहीं कॉर्नर में सटे दूसरे सोफे पर बैठ अपने कस्टमर्स से डील फाइनल कर रही थी।वह थी गिरिजा..!
यह पेशे से एक काफी बड़ी ब्यूटीशियन थी।उसका एक काफी नामी ब्यूटीपार्लर था।
गिरीजा ब्यूटी पार्लर..!

तीसरी और चौथी का इंतजार हो रहा था।

,,...यार...ये पायल और सिम्मी कहाँ रह गई..?गिरिजा ने फोन पर सिर झुकाए ही बोला।

,,जस्ट चिल्ल बेब..आती ही होगी..!आरती ने भी बिना सिर उठाए बस जवाब दिया ।अब भी उसके हाथ लैपटॉप पर अनवरत चल रहे थे।

,,टीं टौंक....!!!,, डोरबेल की  आवाज़ सुनते ही

,,शायद पहुंच गए दोनों...!!,,आरती ने कहा।फिर अपनी मेड रुही को आवाज़ देते हुए कहा--
,,रुही ओपन द डोर!,,

,,ओ...माइंड ब्लोइंग..गौजैज..!!..सो लवली यू आर लुकिंग...!

,,हाय..डार्लिंग..!!,,सब एक दूसरे से गले मिलती हैं।

,,रुही...(मेड )..!,जरा ठंडा लाना...!,आरती ने अपनी कुक से कहा।

,,जी..।रुही आकर टेबल पर कोल्ड ड्रिंक्स और नमकीन,पेस्ट्री के प्लेट रख जाती है।

,,चल यार..चल शुरू करते हैं..आज भर की मस्ती पटाखे जरा छोड़ लें..फिर कल से वही भागमभाग..वही रेलपेल..!,,

,,येस..यू आर राइट..!टू मच टेस्टी दिज आर....!,, पेस्ट्री खाते हुए सिम्मी ने कहा।

पायल--,,यार आरती..लंच में क्या बनवाया?,,

,,बनवाया..!मैं त़ सोच रही थी कि हमलोग मोतीमहल चलें।वहीं बटरनान और कढाही चिकन खाया जाए..!आरती ने कहा।

,,ना...ना...बाहर नहीं..आज बस घर पर...।मन कर रहा है आराम से चिल करने का।,,पायल फिर से बोली और अपने मोबाइल में रेस्टोरेंट ढूढने लगी।

थोड़ी देर में सब आरती के ही डाइनिंग टेबल पर बैठकर दावत उड़ाने लगे थे।

छोटा सा दिल्ली और यहांके तौरतरीके और आबोहवा अलग अलग तरह से जुल्म ढाती है।
आजकल के जेनरेशन अपने कैरियर बनाने और फिर पैसे कमाने में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि फिर शादी.. परिवार जैसे शब्द बेमानी हो जाते हैं।
...


【कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है।सच्चाई से किसी भीप्रकार से कोई भी रिश्ता नहीं है।अगर कोई नाम या पात्र कहानी से मिलता है तो यह मात्र एक संयोग होगा।】

क्रमशः
सीमा सहाय..✍️🌹
©®
#नॉन स्टॉप लेखन
#लेखनी प्रतियोगिता


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17 Comments

Reena yadav

04-Apr-2023 09:02 AM

शुरुआत देखकर लगता हैं,,,,,,👍👍 समय निकालकर जरूर पढ़ना पड़ेगा😇🌺

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sunanda

14-Mar-2023 05:44 PM

very nice

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Kavita Jha

18-Sep-2022 08:57 AM

बहुत ही सुन्दर कहानी की शुरुआत 👌👌

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